दरअसल नरेश मीणा ने मीडिया से कहा कि मैं यहां गिरफ्तारी देने आया हूं और पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए, पुलिस ने बहुत बर्बरता की, हमने जवाबी कार्रवाई भी की, कल दिन में कलेक्टर आ जाती मौके पर तो कुछ नहीं होता। मीना ने कहा कि वह पुलिस कस्टडी से नहीं भागे थे।
बता दें कि बवाल की शुरुआत थप्पड़कांड से हुई थी। दरअसल निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने एरिया मजिस्ट्रेट (एसडीएम मालपुरा) अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया था। देर रात हुए हंगामे व पथराव के बीच नरेश मीना मौके से गायब हो गए थे।
गांवों के चारों ओर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय निवासी के अलावा किसी अन्य को गांव में जाने के लिए प्रवेश नहीं दिया। वहीं शाम तक निर्दलीय प्रत्याशी और ग्रामीण धरने पर थे। उनको घेर कर पुलिस खड़ी की थी।
नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत कचरावता के समरावता गांव में जबरन वोटिंग का विरोध करते हुए नरेश मीना ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया। बहस के दौरान एरिया मजिस्ट्रेट व मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी के साथ विवाद बढ़ गया और नाराज होकर नरेश मीना ने थप्पड़ मार दिया।
नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत कचरावता के गांव समरावता में बुधवार को उपचुनाव मतदान के दौरान एसडीएम अमित चौधरी के साथ हुई मारपीट को लेकर रात्रि करीब 9 बजे पुलिस प्रशासन निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को गिरफ्तार करने समरावता गांव पहुंचे, जहां पर प्रदर्शन कर रहे समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया।
पुलिस पर पथराव करने के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले दागे, उसके बाद मामला उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने मौके पर खड़े पुलिस वाहनों में आग लगा दी, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई और गांव में बने कच्चे मकानों में भी आग लग गई।